उज्जैन महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहने पर श्रद्धालुओं को ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य रहेगा। परंपरा का उल्लंघन करने पर श्रद्धालुआ के साथ उनके पुजारी, पुरोहित तथा गर्भगृह व नंदी मंडपम् में तैनात कर्मचारियों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने शुक्रवार शाम इसके आदेश जारी किए हैं। पुजारी, पुरोहितों को भी आदेश की तामील करा दी गई है।

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहने पर पुरुषों को धोती तथा महिलाओं को साड़ी पहनकर भीतर जाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त गर्भगृह में मोजे, चमड़े का पर्स, बेल्ट, हथियार, मोबाइल आदि ले जाने पर भी प्रतिबंध है। सिर पर पगड़ी, टोपी आदि पहनकर जाना भी परंपरा के विरुद्ध है। लेकिन बीते कुछ समय से पुजारी, पुरोहित गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित होने पर अपने यजमानों को 1500 रुपये की रसीद पर परंपराओं का पालन कराए बिना प्रवेश करा रहे थे। महाकाल सेना ने मंदिर की परंपरा व गर्भगृह की पवित्रता की रक्षा के लिए कलेक्टर व प्रशासक को पत्र लिखा था। मामला संज्ञान में आने के बाद शुक्रवार को प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने नोटिस जारी कर पुजारी, पुरोहित व कर्मचारियों को परंपरा का पालन कराने के निर्देश दिए हैं।