इंदौर इंदौर को स्टार्टअप राजधानी बनाने के लिए एक और कदम बढ़ाया गया है। एमएसएमई विभाग ने इंदौर में एक आइ-हब बनाने की योजना तैयार की है। यह स्टार्टअप के लिए एक कॉमन गतिविधि केंद्र होगा, जहां इन्वेस्टर, इन्क्यूबेटर, एक्सलेरेटर व मेंटर का कॉमन प्लेटफॉर्म रहेगा। इससे स्टार्टअप को विकसित करने के लिए जरूरी सुविधाएं दी जा सकेंगी। यहां से सभी इन्क्यूबेशन सेंटर की गतिविधियां भी संचालित की जाएंगी। मालूम हो, स्टार्टअप के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर के साथ अन्य गतिविधियों को भी जोडऩे की जरूरत को देखते हुए विभाग ने इस केंद्र की कल्पना की है। इससे स्टार्टअप की प्लानिंग करने वाले व्यक्ति को सभी सुविधाएं एक जगह पर मिल जाएंगी। विभाग ने करीब 10 हजार वर्गफुट की निर्मित स्पेस के लिए आइडीए, एमपीआइडीसी, एमपीइडीसी व अन्य को पत्र लिखा है। इस केंद्र पर सभी तरह की एक्सपर्ट सुविधाएं होंगी। कॉमन फेसेलिटी सेंटर होंगे। कॉन्फ्रेंस व इन्टरेक्शन हॉल होगा, जहां स्टार्टअप के लिए आइडिया इन्क्यूबेशन, मार्केटिंग, पिचिंग जैसी गतिविधियां होंगी। इससे स्टार्टअप आइडिया को गति मिल सकेगी।

इसलिए होगा महत्वपूर्ण
यह केंद्र निवेशक व स्टार्टअप के बीच भी एक कड़ी बनेगा। निवेशक स्टार्टअप को समझकर अपना निवेश प्लान तय कर सकेंगे और स्टार्टअप उनका क्रियान्वयन कर सकेंगे। वर्कशॉप के माध्यम से सभी क्षेत्र के स्टार्टअप से एक जगह संवाद किया जा सकेगा।

सरकार का विशेष ध्यान
प्रदेश में स्टार्टअप विकास में निवेशकों की अच्छी रूचि को देखते हुए सरकार का फोकस अब आइटी के साथ सभी क्षेत्रों को विकसित करने पर है। इसके लिए एमएसएमई विभाग ने स्टार्टअप नीति की घोषणा की है। सरकार का जोर आइडिया इन्क्यूबेशन के साथ स्टार्टअप को विकसित करने पर है। इसके लिए इको सिस्टम बनाने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं।

इनका कहना है
विभाग ने आई-हब बनाने की योजना तैयार की है। यह स्टार्टअप के लिए एक कॉमन गतिविधि केंद्र होगा। जहां पर इनोवेटर, इन्वेस्टर व मेंटर सभी मिल सकेंगे। इंदौर में जगह देख रहे हैं। प्रशासन व अन्य विभागों को पत्र लिखकर जगह मांगी है।
पी. नरहरि, सचिव, एमएसएमई