देवरिया। यूपी के देवरिया जिले में आज डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह अपने प्रशासनिक काम से अलग एक इंटर कॉलेज में निरीक्षण करने पहुंचे तो उनके अंदर का शिक्षक पैदा हो गया और वे सिविल परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों को पढ़ाने लगे। इस दौरान उन्होंने दोस्ताना अंदाज में बच्चों से बात की और उन्हें सिविल परीक्षा को लेकर टिप्स भी दिए। दरअसल, जिला मुख्यालय के राजकीय इंटर कॉलेज में सरकार की अभ्युदय योजना चल रही है, जहां पर छात्र सिविल परीक्षा की तैयारी के लिए अनुभवी लोगों से क्लास ले रहे हैं। इसी का निरीक्षण करने के लिए जिला अधिकारी जेपी सिंह राजकीय इंटर कॉलेज पहुंचे थे। यहां पहुंचकर वे अपने आप को रोक नहीं पाए और बच्चों की क्लास में पहुंच कर उनको प्रोत्साहित किया। उन्होंने बच्चों को बताया कि किस तरह से रूपरेखा बनाकर सिविल परीक्षा की तैयारी की जानी चाहिए।
  साथ ही जिला अधिकारी ने अपने अनुभव भी बच्चों के साथ साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे पीसीएस परीक्षा 1996 में दिया था और फिर आईएएस बने। इस दौरान जिला अधिकारी ने अध्ययनरत छात्रों से कहा कि सबसे पहले वह खुद पर भरोसा करें और वैकेंसी पर ना ध्यान दें। साथ ही कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई करें। हालांकि जिलाधिकारी ने सिविल परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को जनरल नॉलेज के अलावा जिस विषय से परीक्षा दे रहे हैं, उस विषय पर कमांड होने की बात कही।
  इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि पढ़ाई और खुद के एग्जाम के बारे में तैयारी कर रहे बच्चों के साथ अनुभव साझा किया। सिविल की तैयारी कर रहे छात्रों को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि 1996 के दशक में कोचिंग सेंटर का बहुत अधिक प्रचलन नहीं था। उनके घर से कोचिंग सेंटर जाने और आने में 2 घंटा लगता था इसलिए उन्होंने कभी कोचिंग नहीं लिया। जो समय कोचिंग सेंटर जाने और आने में लगता था, उस समय को उन्होंने अतिरिक्त पढ़ाई के लिए दिया। उन्होंने कहा कि सिविल परीक्षा की तैयारी के लिए मेरी बहन का बहुत बड़ा योगदान है।