अजमेर | मकर संक्रांति के पर्व से पहले जयपुर शहर समेत प्रदेश भर में पतंगबाजी की धूम शुरू हो गई है। बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी छतों पर चढ़कर पतंगों के पेंच लड़ा रहे हैं। जयपुर की पतंगबाजी दुनिया भर में मशहूर है, लेकिन पतंगबाजी की तेज़ धार वाली डोर किसी पक्षी या वाहन चालक की जान के लिए खतरा न बने इसके लिए प्रदेश के गृह विभाग, रेलवे और जयपुर मेट्रो प्रशासन ने अपील जारी की है। साथ ही आदेश देते हुए सुबह-शाम दो-दो घंटे पतंगबाजी पर रोक लगा दी है। आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं।गृह विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए पतंगबाजी पर यह रोक लगाई है।

सुबह छह से आठ तक और शाम पांच से सात बजे तक पतंगबाजी पर रोक रहेगी। गृह विभाग के शासन उप सचिव मुकेश पारीक ने आदेश जारी किया है, जिसमें प्लास्टिक और सेंटेंस सिंथेटिक मांझे पर भी रोक लगाई गई है। सिंथेटिक मांझे के निर्माण,मार्केटिंग और इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक रहेगी। पतंगबाजी में चाइनीज़ मांझा, प्लास्टिक और सिंथेटिक पदार्थ से बने हुए मांझा, जहरीले पदार्थ और लोहा,ग्लास के धागों का इस्तेमाल पक्षी और मानव जीवन के लिए संकट पैदा करता है। ऐसे में राज्य के सभी जिला मजिस्ट्रेट को ऐसे मांझे के उपयोग पर रोक लगाने को कहा गया है।

जानकारी के मुताबिक प्रतिबंधित समय में पतंग उड़ाते मिलने पर गिरफ्तारी हो सकती है। कलेक्टर और डीएम को शांति भंग की धारा-144 के तहत कार्रवाई को कहा गया है। ऐसी पतंगबाजी के दौरान कोई हादसा होता है या किसी व्यक्ति को चोट पहुंचती है, तो संबंधित धाराएं भी कार्रवाई के तहत लगाई जा सकती हैं।दूसरी और रेलवे प्रशासन ने भी मकर संक्रांति पर रेलवे ट्रैक के आसपास पतंगबाजी नहीं करने की अपील जारी की है। नॉर्थ- वेस्टर्न रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक हर साल रेलवे ट्रैक के पास बच्चे और लोग दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। मौजूदा समय में लगभग सभी ट्रैक इलेक्ट्रीफाइड हैं। बिजली के तार से मांझा और डोर छूने पर करंट लग सकता है। रेलवे विभाग की ओर से विशेष अभियान चलाकर लोगों से समझाइश भी की जा रही है। इसी तरह जयपुर मेट्रो रेल प्रशासन ने भी ट्रैक के आसपास पतंगबाजी नहीं करने की अपील की है।