वाराणसी. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा ने जो दो पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है उसमें कई अहम चीजों के मिलने का जिक्र किया गया है. बुधवार को पूर्व कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा ने दो दिन की सर्वे रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में शेषनाग बने एक शिलापट का जिक्र है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद के उत्तर से पश्चिम की तरफ चलते हुए दीवार के बीच में यह शिलापट बना, जिसमें शेषनाग की आकृति है. इसके अलावा कई जगह देवी देवताओं की आकृतियां मिली है. कुछ शिलापट पर कमल की आकृति देखने को मिली.

ज्ञानवापी के उत्तर से पश्चिम की दीवार के कोने पर अवशेष मिला है. यहीं पर गिट्टी सीमेंट से चबूतरे पर नया निर्माण देखने को मिला. शिलापट पर सिंदूरी रंग की चार मूर्तियां भी देखने को मिली. चौथी मूर्ति पर सिंदूर का मोटा लेप चढ़ा दिखा. इसके आगे के हिस्से में त्रिकोणीय ताखा मिला. अंदर के हिस्से में मिट्टी और देवी देवताओं की आकृति बना एक अन्य शिलापट भी है जो कि जमीन पर लंबे समय से पड़े प्रतीत हुए. पहली नजर में ये किसी भवन के खंडित अंश दिखाई देते हैं. ज्ञानवापी के पीछे की पश्चिमी दीवार की कलाकृतियों से मेल खाते दिखीं शिलापट की आकृतियां.

गौरतलब है कि 6-7 मई को अजय मिश्रा ने अकेले ही सर्वे किया था, जिसकी रिपोर्ट उन्होंने पेश कर दिया है. अजय मिश्रा ने जो रिपोर्ट पेश की है वह ज्ञानवापी के बाहरी हिस्से की है, क्योंकि उसके बाद कोर्ट कमिश्नर को भीतर नहीं घुसने दिया गया था. इसके बाद मामला फिर कोर्ट पहुंचा था और जज रवि कुमार दिवाकर ने विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह को अजय मिश्रा के साथ सहायक कोर्ट कमिश्नर के तौर पर अटैच करते हुए 17 मई तक रिपोर्ट देने को कहा था. हालांकि 17 मई को हुई सुनवाई में कमिश्नर विशाल सिंह की शिकायत पर अजय मिश्रा को हटा दिया गया था. गुरुवार को बेरिकेडिंग के अंदर और वजूखाने समेत अन्य जगहों की सर्वे रिपोर्ट पेश होगी. नए वकील कमिश्नर विशाल सिंह और सहायक वकील कमिश्नर अजय प्रताप सिंह 12 पन्नों की रिपोर्ट अदालत में पेश करेंगे. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि बहुत कुछ मिला है लेकिन इसका खुलासा वह नहीं कर सकते.