देवास    हाली में प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल में मीडिया में कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर किसानों की आय दुगनी करना हमारी सरकार का सपना है। आज हर चीज की एमआरपी है लेकिन किसानों की फसल की नहीं हैं। अब ऐसी नीति बना दी गई है जिसमें किसान खेती भी करेगा, उत्पादन पर करेगा, ग्रेडिंग भी करेगा, फ़ूड प्रोसेसिंग और पैकेजिंग भी करेगा जिससे किसान भी एमआरपी वाला बनेगा। मध्य प्रदेश इस दिशा में काम कर रहा है कि यहां का किसान एमएसपी वाला नहीं बल्कि एमआरपी वाला बने। लेकिन धरातल पर कुछ और ही तस्वीर दिखाई दे रही है। प्रदेश के देवास जिले में किसानों ने एक अनोखा प्रदर्शन किया। किसानों ने प्याज और लहसुन की शव यात्रा निकाली। किसानों को प्याज और लहसुन के उचित दाम नहीं मिल रहे है जिसके चलते यह प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने सरकार के विरोध में नारेबाजी की। और कलेक्टर परिसर में प्याज और लहसुन को फेंक दिया। किसानों ने कहा कि उन्हें उचित दाम नहीं मिला तो अब उग्र आंदोलन करेंगे। किसानों द्वारा कुछ समय पहले भी लहसुन और प्याज के उचित दाम नहीं मिलने पर विरोध प्रदर्शन किया था। उस दौरान मंडी में लहसुन में आग तक लगा दी गई थी। 

दरअसल पिछले साल मंदसौर जिले के एक किसान ने त्रस्त होकर 160 किलो लहसुन में आग लगी दी थी। किसान इन लहसुनों को उपजाने में जितना लागत लगा चुका था, उससे आधी कीमत पर भी ये लहसुन नहीं बिक पा रहे थे। उस दौरान फसल अच्छी रही और उपज लगभग 160 किलो रहा, लेकिन जब वो लहसुन लेकर मंडी बेचने पहुंचा तो जो कीमत मिल रही थी, वो लागत की आधी भी नहीं थी। बता दें कि लहसुन व प्याज के दामों में आ रही लगातार गिरावट से किसानों में आक्रोश है। युवा किसान संगठन के बैनर तले 500 से अधिक किसानों ने लहसुन और प्याज की शव यात्रा निकाली। साथ ही इसके सरकार को लहसुन और प्याज की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदने का संदेश दिया। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं होता है तब विधानसभा चुनाव 2023 में विपरीत परिणाम के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि सड़को पर आंदोलन जारी रहेगा और सरकार की किसान विरोधी नीतियों को किसानों के बीच लेकर के जाएगी। जिसके चलते वर्तमान सत्ताधारी दल को सत्ता से हाथ धोना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की सुध ले और उपरोक्त दिए गए मूल्य पर किसानों की फसल खरीद सुनिश्चित करें। किसान शव यात्रा को नगर निगम के सामने से होते हुए कलेक्टर कार्यालय पर पहुंचे और ज्ञापन दिया। वहीं युवा किसान संगठन अध्यक्ष रविंद्र चौधरी ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार हमारी फसल लहसुन को 5000 रूपए प्रति क्विंटल व प्याज को 2000 प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य से नहीं खरीदा तो पूरे प्रदेश भर में इसको लेकर के उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।