ब्रसेल्स । उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने फिनलैंड की प्रधानमंत्री से मुलाकात की। उन्होंने संगठन में शामिल होने संबंधी स्वीडन एवं फिनलैंड के आवेदन को लेकर तुर्की के विरोध से निपटने के प्रयास के तहत उसके राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन से वार्ता की। इस सप्ताह अमेरिका की यात्रा करने वाले स्टोलटेनबर्ग ने बताया कि उन्होंने फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन से मुलाकात कर संगठन की सदस्यता के फिनलैंड एवं स्वीडन के आवेदन को लेकर ‘‘तुर्की की चिंताओं को दूर करने तथा आगे बढ़ने की आवश्यकता पर’’ बातचीत की। यूक्रेन में रूस के युद्ध ने नॉर्डिक देशों को नाटो में शामिल होने का आवेदन करने के लिए प्रेरित किया है, लेकिन एर्दोआन ने स्वीडन और फिनलैंड पर तुर्की द्वारा आतंकवादी माने जाने वाले कुर्द लड़ाके का समर्थन करने का आरोप लगाया है। स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि उन्होंने एर्दोआन से ‘‘फोन पर रचनात्मक वार्ता की। उन्होंने तुर्की को एक ‘‘अहम मित्र’’ बताया और रूस के हमले के बाद पैदा हुए वैश्विक खाद्य संकट के बीच यूक्रेन से खाद्यान्न की सुरक्षित ढुलाई सुनिश्चित करने का समझौता कराने में तुर्की के प्रयासों की सराहना की। स्टोलटेनबर्ग के मुताबिक, वह और एर्दोआन वार्ता जारी रखने वाले हैं, लेकिन उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया। स्वीडन, फिनलैंड और तुर्की के वरिष्ठ अधिकारी अगले सप्ताह ब्रसेल्स में बैठक करने वाले हैं, जहां दोनों देशों के आवेदन पर तुर्की के विरोध को लेकर बातचीत की जाएगी।