आगरा । देश की आजादी की 75वां वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव देशभर में मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में देश के लगभग सभी ऐतिहासिक स्थल रात में तिरंगे की रोशनी से जगमगा रहे हैं। इसके बावजूद भी आगरा में स्थित विश्व प्रसिद्ध ताजमहल अंधेरे में डूबा हुआ है। बहुत लोगों को नहीं मालूम होगा कि ऐसा क्यों है, दरअसल सरकारी संस्थानों और स्मारकों को तिरंगे की रोशनी में जगमगाया जा रहा है। आगरा में भी ऐतिहासिक इमारतों को सजाया गया है, जबकि ताजमहल में ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछली बार 1997 में शो के दौरान ताजमहल को रोशनी से जगमगाया गया था,कार्यक्रम की अगली सुबह ताजमहल परिसर में कई कीड़े मरे हुए थे। इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रासायनिक शाखा ने इसकी जांच की तब कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इसके बाद ताजमहल में किसी भी तरह की रोशनी की इजाजत नहीं दी, क्योंकि कीड़ों के मरने की वजह से ताजमहल पर दाग बन जाता था।
हालांकि रोशनी से जगमगाए ताजमहल की सबसे चर्चित फोटो वह रही जब द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र देशों के सामने जर्मनी की सेना ने आत्मसमर्पण किया था। उस समय भारत के मित्र देशों की सेनाओं के लिए आगरा के ताजमहल में ग्रैंड सेलिब्रेशन आयोजित किया था। बताया जा रहा है कि उस समय ताजमहल दूधिया रोशनी से जगमगाया था। उसकी कई तस्वीरें चर्चा में बनी रहीं। फिलहाल एक बार फिर ताजमहल में रोशनी ना जगमगाने का मुद्दा छाया हुआ है। लेकिन उसका असली कारण यह है कि इसके चलते वहां कीड़े मर जाते हैं और उससे ताजमहल पर दाग पड़ जाते हैं।