प्रतिवर्ष भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस साल परिवर्तिनी एकादशी 6 सितंबर को रखा जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि आषाढ़ माह से शुरू हुआ चातुर्मास के दौरान पाताल लोक में क्षीर निंद्रा में वास कर रहे भगवान विष्णु इस दिन करवट बदलते हैं, इसलिए इसका नाम परिवर्तिनी एकादशी है। इसके अलावा इस दिन को जलझूलनी एकादशी, पद्मा एकादशी के नाम से भी जानते हैं। आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने से हर तरह के दुख-दर्द, रोग, दोष से छुटकारा मिल जाता है।लेकिन शास्त्रों में कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया गया है जिन्हें परिवर्तिनी एकादशी के दिन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

न करें चावल का सेवन : एकादशी के दिन चावल के सेवन नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन चावल का सेवन करने से व्यक्ति का अगला जन्म रेंगने वाले जीव के रूप में होता है।

गुस्सा न करें : एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ दिनभर उनका मनन करना चाहिए। इस दिन गुस्सा बिल्कुल नहीं करना चाहिए और हर तरह के लड़ाई-झगड़े से दूर रहना चाहिए।

ब्रह्मचर्य का करें पालन : एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु की पूजा करना चाहिए। इस दिन ब्रह्मचर्य का पूरा पालन करना लाभकारी साबित होगा।

मांस-मदिरा से रहें दूर : शास्त्रों के अनुसार, एकादशी के दिन मांस-मदिरा का बिल्कुल भी नहीं सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन तामसिक भोजन यानी लहसुन, प्याज का भी सेवन करने से बचना चाहिए।

झूठ न बोले : परिवर्तिनी एकादशी के दिन आत्मा और मन की शुद्धि के साथ भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए। इसलिए आज के दिन किसी का दिल न दुखाएं और न ही किसी तरह का झूठ बोलना चाहिए।