उज्जैन ।   प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने विधानसभा चुनाव से पहले विधायकों की खरीद-फरोब्त रोकने के लिए ‘दल विरोधी कानून’ को मजबूत करने की बात कही। दो दिवसीय उज्जैन दौरे के दौरान मीडिया के समक्षी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी निशाना साधा। कहा कि पिछले चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए 25-25 करोड़ रुपये का देने का आफर इन्हें ( साथ बैठे विधायक महेश परमार, रामलाल मालवीय, दिलीप सिंह गुर्जर) भी मिला था, मगर ये नहीं बिके। राजा-महाराजा बिक गए। बस यही चाहूंगा कि हे प्रभु, हे महाकाल, कांग्रेस में दूसरा कोई ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा न हो। दिग्विजय सिंह के बयान के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ट्वीट कर कहा कि हे महाकाल-दिग्विजय सिंह जैसे देश विरोधी, मध्य प्रदेश के बंटाधार, भारत में पैदा न हों।

पूर्व सीएम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा मजदूर, गरीब, अनुसूचित जाति, जनजाति विरोधी और दक्षिण पंथी अर्थव्यवस्था की हिमायती है। ये धनबल की सरकार चलाती है, जिसने महाकाल मंदिर का भी व्यवसायीकरण कर दिया। पहले मंदिर में नि:शुल्क दर्शन व्यवस्था थी मगर अब गर्भगृह से दर्शन करने के लिए 750 रुपये, शीघ्र दर्शन करने के लिए 250 रुपये और भस्मारती दर्शन के लिए 200 रुपये देना पड़ते हैं। सिंह, विधानसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने उज्जैन आए थे।

सिंहस्थ जमीन पर काट दी कालोनी, सबको पता है किसने काटी

सिंह ने कहा कि सिंहस्थ भूमि पर कालोनी काट दी। ये कालोनी किसने काटी सबको पता है। कौन है जो मास्टर प्लान लागू नहीं करा रहे। नियम अनुसार हर 10 वर्ष में नया मास्टर प्लान लागू होना चाहिए। महाकाल मंदिर विकास एवं विस्तार योजना के विषय में कहा कि ये योजना कांग्रेस शासन में स्वीकृत हुई थी।