भोपाल । भाजपा ने नगरीय निकाय चुनावों के लिए संकल्प पत्र जारी किया है। इसमें कई बड़ी-बड़ी बातें की गई हैं। इसे लेकर कांग्रेस आक्रामक हो गई है। कांग्रेस नेताओं ने इस संकल्प पत्र को पहले की 22 हजार झूठी घोषणाओं की तरह ही झूठ का पुलिंदा करार दिया है। मप्र कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में पूर्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा एवं मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने चर्चा की। उन्होंने कहा कि भाजपा पहले कभी संकल्प पत्र नहीं लाती थी। कांग्रेस का संकल्प पत्र देखकर उसने नकल की। पहली बारिश में सभी नगरों में भाजपा की कलई खुल गई है। भोपाल में एक घंटे की बारिश में नाले उफान पर आ गए। घरों में पानी घुस गया। रहवासियों को खुद पानी निकालना पड़ा। सड़कें बह गई। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं भाजपा के जो नेता नाव चलाते थे, पानी में अभी इसलिए नहीं निकल रहे हैं कि उनकी पोल खुल जाएगी।

जंगल उजाड़कर अब चले हैं ग्रीन सिटी बनाने
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि भोपाल को ग्रीन सिटी बनाने का वायदा पहले भी किया था। फिर से कर रहे हैं जबकि राजधानी भोपाल में पिछले 17 साल में केरवा डैम से कलियासोत डैम के बीच 280 एकड़ जंगल उजाड़ा गया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर पांच लाख से ज्यादा पेड़ काटे गए। पेड़ काटकर जमीनों को महंगे दामों पर बेच दिया गया।

जुमले फेंके हैं भाजपा ने संकल्प पत्र में
भोपाल शहर में पांच-पांच पानी के स्रोत हैं। उसके बाद भी हफ्ते-हफ्ते पानी की कटौती की गई। शहरों में फ्री वाई-फाई लाइब्रेरी का जुमला फेंका है। इससे पहले भी भोपाल को वाई-फाई सिटी बनाने का वादा किया था। इसका कहीं कोई अता-पता नहीं है। भाजपा डॉग केयर सेंटर बनाने का झांसा दे रही है जबकि सभी बड़े शहरों में आवारा कुत्तों की समस्या एक बड़ी विपदा बन गई है।  उन्होंने कहा कि प्रदेश में कर्ज लेकर वेतन बांटने वाली और कर्ज की किस्ते भरने के लिए फिर से कर्ज लेने वाली सरकार नगरीय क्षेत्रों में 50 हजार करोड़ के निवेश का झूठ परोस रही है। शहरों के सर्वांगीण विकास के लिए अति आवश्यक मास्टर प्लान होता है। 17 साल की भाजपा सरकार में भोपाल का मास्टर प्लान तक नहीं बन पाया। कांग्रेस सरकार में मास्टर प्लान तैयार हो गया था भाजपा सरकार आते ही रूक गया 15 साल तक मेट्रो प्रोजेक्ट कागजों में चलता रहा। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट धरातल पर चालू किया। भाजपा सरकार बनने के बाद मेट्रो का काम भी धीमा पड़ गया जबकि 2023 में प्रथम चरण पूरा हो जाना था।