प्रदेश में सिटी बसों का सफर अब एक रुपये महंगा होगा। सिटी बसों में टिकट पर एक रुपये प्रति यात्री की समान दर से अधिभार (सरचार्ज) लगेगा। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए ईटीएम आपूर्तिकर्ता और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित होने वाले नेशनल कामन मोबिलिटी कम्प्लायंट कार्ड से किराये का भुगतान किये जाने पर 10 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश समर्पित नगरीय परिवहन निधि नियमावली के अधीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित निधि प्रबंध समिति की गुरुवार को हुई बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है। सिटी बसों के टिकट पर एक रुपया अधिभार लगाने का उद्देश्य विभिन्न एसपीवी में लागू किराये में एकरूपता लाना है।

बैठक में मुख्य सचिव ने बसों में जीपीएस, पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरा और महिलाओं के लिए सीट को आरक्षित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि बसों में आपात स्थिति में लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग होनी चाहिए। मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि किसी भी क्षेत्र में अनफिट, बिना परमिट, अवैध, ओवरलोड, जर्जर व डग्गामार बसों का संचालन न होने दिया जाए।

तेज गति से वाहन चलाने और ओवरलोडिंग के विरद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड के माध्यम से 1525 वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों को ग्रास कास्ट कांट्रैक्ट मोड पर संचालित करने के लिए इच्छा पत्र (ईओआइ) दिये जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।

जेएनएनयूआरएम योजना के तहत खरीदी गईं और वर्तमान में संचालित 664 बसों (सीएनजी/डीजल), फेम-1 योजना के अंतर्गत लखनऊ शहर के लिए आवंटित 40 वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों के लिए वेतन, ईंधन, मोटर पार्ट्स व अन्य विविध व्यय की प्रतिपूर्ति तथा फेम-2 योजना के तहत 700 इलेक्ट्रिक बसों के कार्मिकों के मानदेय व अन्य खर्चों की प्रतिपूर्ति के लिए 99.53 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई।

अन्य खर्चों समेत 2022-23 और 2023-24 के लिए 258.9 करोड़ रुपये का अनुमोदन किया गया। इसी प्रकार 300 इलेक्ट्रिक बसों को जीसीसी मोड पर संचालित करने के लिए 21.20 करोड़ रुपये सालाना तथा नवीन मेंटेनेंस डिपो के लिए 65.00 करोड़ रुपये का व्यय भार अनुमोदित किया गया। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 447.48 करोड़ रुपये की जरूरत बताई गई जिसके लिए आवश्यक रकम की मांग वित्त विभाग से करने पर सहमति बनी।