दौसा में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय राजेश पायलट के श्रद्धांजलि कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे कृषि विपणन मंत्री मंत्री मुरारीलाल मीणा ने जानकारी दी कि अपने पिता की पुण्यतिथि पर 11 जून को दौसा में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में हर बार की तरह सचिन पायलट के साथ बड़ी संख्या में आम जनता शामिल होगी। उन्होंने बताया कि हर साल की तरह ही इस बार भी आयोजन किया जा रहा है।

मंत्री मुरारीलाल मीणा ने कहा कि दौसा-भंडाना में केवल श्रद्धांजलि कार्यक्रम, प्रतिमा अनावरण, नए भवन का लोकार्पण और श्रद्धांजलि सभा होंगे। इसके अलावा कुछ भी नहीं है। मीडिया ने ही मामले को हवा दी है। पिछले दो साल से स्वर्गीय राजेश पायलट जी की प्रतिमा बनकर तैयार है, जिसका अनावरण सचिन पायलट अपने हाथों से करेंगे। साल 2020 से ही इस काम की चर्चा चल रही थी। कोई भी पार्टी बनाने का मामला नहीं है। पायलट कार्यक्रम में आएंगे। अटैंड करने के बाद हर वर्ष की तरह यहां सभा करने के बाद उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में अपने पैतृक गांव जाएंगे।

शक्ति प्रदर्शन नहीं, श्रद्धांजलि और श्रद्धा भाव का कार्यक्रम

मंत्री मुरारीलाल मीणा ने कहा- हम केवल 500 निमंत्रण के कार्ड छपवाते हैं। लेकिन हर साल 4-5 हजार लोग स्वर्गीय राजेश पायलट के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पहुंचते हैं। इनमें कांग्रेस नेताओं के अलावा बड़ी संख्या में दौसा जिले से लोग आते हैं। इसके अलावा भी प्रदेश के कई हिस्सों से लोग पहुंचते हैं। यह कोई शक्ति प्रदर्शन की बात नहीं है, यह तो स्वर्गीय राजेश पायलट जी के लिए श्रद्धा जताने का कार्यक्रम है। उन्होंने देश,प्रदेश और इस क्षेत्र के लिए जो काम किए, उसके लिए वो हमेशा यूं ही याद किए जाते रहेंगे।

पायलट-गहलोत में सुलह-समझौता कांग्रेस हाईकमान का मामला

मंत्री मुरारीलाल मीणा ने कहा, मीडिया की खबरों के जरिए ही हमें भी काफी कुछ पता चलता है। राजस्थान में दोनों नेताओं में सुलह की जहां तक बात है, तो यह कांग्रेस हाईकमान का मामला है। क्योंकि दिल्ली में वार्ता हुई है, उसमें क्या फैसला हुआ है यह सचिन जी और गहलोत जी ही जानते हैं। बाकी सब कयास है। प्रभारी रंधावा की ओर से 90 प्रतिशत सुलह पर काम होने की बात पर मंत्री मुरारीलाल बोले- जिन्होंने यह बात कही है, उन्हीं से इस बारे में पूछना चाहिए, क्योंकि हमें इसकी ज्यादा जानकारी नहीं हैं।

मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो फायदा ही है

मंत्री मुरारीलाल मीणा ने कहा, सीएम गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट यदि मिलकर राजस्थान में चुनाव लड़ेंगे, तो कांग्रेस पार्टी का फायदा ही है। क्योंकि सब कांग्रेसी आपस में भाई हैं। आपस में ही लड़ेंगे तो नुकसान होगा। पूरे राजस्थान में सचिन पायलट का प्रभाव है। वो युवा हैं और डायनामिक लीडर हैं। कांग्रेस के एकजुट होने पर ही राजनीतिक स्थितियां पार्टी के पक्ष में ठीक होंगी। पार्टी हाईकमान और दोनों नेताओं पर सब कुछ निर्भर करता है।