केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को गुरुवार कोराजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। जस्टिस कुलदीप माथुर ने शेखावत की याचिका पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी पर रोक के आदेश जारी किए हैं।  

बतादें कि राजस्थान में संजीवनी सोसाइटी घोटाले को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री गहलोत के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। दोनों नेता एक दूसरे पर आरोप लगाते आए हैं, सीएम गहलोत कई बार सार्वजानिक मंच से शेखावत को संजीवनी घोटाले में आरोपी बता चुके हैं। उन्होंने शेखावत ही नहीं उनके पूरे परिवार को भी संजीवनी घोटाले में दोषी बताया था। 

दरअसल, संजीवनी सोसाइटी घोटाले में गिरफ्तारी से बचने के लिए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए शेखावत को राहत दी है। जस्टिस कुलदीप माथुर ने राजस्थान पुलिस और एसओजी को शेखावत को गिरफ्तार नहीं करने के निर्देश दिए हैं। इसे लेकर सीएम अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि शेखावत कह रहे थे कि मैं तो मुलजिम हूं ही नहीं, फिर हाईकोर्ट जाने की जरूरत क्यों पड़ी। शेखावत ने अपने अरेस्ट होने पर पांबदी लगवाई है। जरूरत क्यों पड़ी। मैं फिर कहना चाहूंगा आप मुलजिम तो हो ही, आपका परिवार भी मुलजिम है। यह बहुत गंभीर केस है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शेखावत को र्खास्त क्यों नहीं करते हैं? 

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि संजीवनी घोटाला मामले में दो लाख लोग बर्बाद हो गए। एक केंद्रीय मंत्री होने के बाद वे अपनी गलती स्वीकार करें। देश-विदेश में जो संपत्ति उनके पास है उसे बेचें और पैसा चुकवाएं। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री बनना किसे कहते हैं। केंद्रीय मंत्री बनना अपने आप में एक बड़ी मान सम्मान की बात होती है। जिंदगी में और क्या चाहिए उनको। जोधपुर, बाड़मेर समेत राजस्थान के लोग बर्बाद हो रहे हैं। जयपुर में मुझसे लोग मिले। वे रोने लग गए, जिनमें कई महिलाएं शामिल थी। जो आदमी केंद्रीय मंत्री बन गया है उसे और क्या चाहिए।