हरियाणा के करनाल में मासूम जश की हत्या मामले में शनिवार को एसपी गंगाराम पूनिया ने अब तक कि जांच का हवाला देकर मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जश की हत्या से पहले अंजली बहुत डिप्रेशन में थी, उसके दिमाग में खुद मरने या फिर किसी को जान से मारने की बात चल रही थी। तभी मासूम जश उसके पास पहुंच गया। उस दौरान टीवी में भी सीआईडी क्राइम सीरियल चल रहा था। तभी आरोपी अंजली ने मासूम जश का मोबाइल चार्जर के तार से गला घोंट दिया। 

जश की हत्या के दौरान अंजली ने किसी को मैसेज किया हुआ है और ऑडियो रिकॉर्डिंग भी भेजी है, जिसमें बताया गया है कि वह बहुत स्ट्रेस में है। यही नहीं कई सालों से क्राइम सीरियल देख-देखकर अंजली के पास शव को छिपाने के भी कई आइडिया थे। इसी के चलते उसने पहले शव को बेड में छिपाया और फिर बैग में डालकर छह अप्रैल को करीब 3.30 बजे जश के रिश्ते में लगने वाली ताई के घर की छत पर फेंक दिया था।

इस संबंध में बेड पर, चादर पर और बैग में लगे खून के धब्बों की रिपोर्ट आ चुकी है। वह खून जश का ही है। अभी डीएनए की रिपोर्ट आनी बाकी है। एसपी ने यह भी बताया है कि इस मामले में पुलिस गहनता से जांच कर रही है, जिस तरह अंजली ने वारदात को अंजाम दिया है और जो सबूत पुलिस को मिले हैं, उसके अनुसार अकेली अंजली ने ही जश की हत्या की है। फिर जश के शव को रिश्ते में लगने वाली ताई धनवंती की छत पर फेंक दिया था और धनवंती तथा उसकी सास सौरनदे ने अपनी छत से जश का शव पड़ोस में शेड पर फेंक दिया था। 

एसपी ने बताया कि मामले की अभी जांच जारी है। पुलिस ने आरोपी अंजली और उसके पति विकास व राजेश के मोबाइल को एफएसएल में भेजा हुआ है। वहां उनके मोबाइलों का डाटा रिकवर कराना है, ताकि उनकी जांच की जा सके कि जश हत्याकांड मामले में इनकी तो कोई भूमिका नहीं है। जश हत्याकांड का मामला स्पेशल क्राइम में रखा जाएगा, जिसमें इस मामले की जांच तेजी से होगी और उसी तेजी से कोर्ट में भी पैरवी होगी, ताकि जल्द से जल्द जश के आरोपियों को सजा मिल सके। अंजली तीन से चार बार आत्महत्या का प्रयास कर चुकी है। एक बार जहर खाकर तो कई बार हाथ की नस काटकर। ऐसे में अंजली जेल में कोई ऐसा कदम न उठा ले, इस बारे में वह जिला जेल के एसपी को अवगत कराएंगे और पत्र भी भेजेंगे, ताकि अंजली पर विशेष निगरानी रखी जाए।