हिंदू धर्म (सनातन धर्म) में माथे पर तिलक लगाना बहुत ही उत्तम होता है। तिलक लगाने से एकाग्रता शक्ति बढ़ती है। आइए जानें कि किस दिन के अनुसार माथे पर कौन सा तिलक लगाना होगा शुभ हिंदू धर्म में माथे पर तिलक लगाना बहुत ही शुभ होता है योग विज्ञान ने भी इसकी पुष्टि की है। मानव शरीर में सात चक्र होते हैं। आज्ञा चक्र भौहों के बीच स्थित है। माथे पर लगाने से हमारा ध्यान केंद्रित रहता है। यह शरीर को सकारात्मक शक्ति प्रदान करता है और नकारात्मक शक्ति को रोकता है। दिन के अनुसार माथे पर तिलक लगाना बहुत ही लाभदायक होता है। आइए जानते हैं कि कौन सा तिलक किस दिन लगाना चाहिए।

सोमवार
सोमवार का दिन भगवान शिव को अर्पित होता है। इस दिन सफेद चंदन का तिलक बहुत ही शुभ होता है। इसके कई फायदे हैं जैसे यह दिमाग को शांत रखता है। इस दिन भस्म का तिलक लगाना भी बहुत शुभ माना गया है। माना जाता है कि इससे मनुष्य को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

मंगलवार
मंगलवार का दिन ( शिव के अवतार) हनुमान जी का दिन है। इस दिन का स्वामी मंगल होता है और इसीलिए इसे मंगलवार कहते हैं। इस दिन लाल चंदन का तिलक लगाना चाहिए। चमेली के तेल में सिंदूर घोलकर तिलक लगाना बहुत ही शुभ माना गया है। इस तिलक को लगाने से ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है।

बुधवार
बुधवार का दिन भगवान गणेश और मां दुर्गा को समर्पित है। इस दिन का स्वामी बुध ग्रह होता है। इस दिन सिंदूर का तिलक करना बहुत ही शुभ माना गया है। इससे मानसिक क्षमता बढ़ती है।

गुरुवार
गुरुवार भगवान विष्णु को अर्पित है। गुरुवार का स्वामी बृहस्पति होता है। इसीलिए इस दिन को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। इस दिन सफेद चंदन के तिलक में केसर मिलाकर लगाएं। इससे मन को शांति मिलती है। सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।

शुक्रवार
शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी जी का दिन है। इस दिन लाल चंदन का तिलक लगाना उत्तम माना गया है। इससे मानसिक तनाव दूर होता है। लाल चंदन की जगह सिंदूर का तिलक भी कर सकते हैं।

शनिवार
शनिवार का दिन भैरव मुख्य रूप से शनि और यमराज का दिन माना जाता है। इस दिन भस्म या लाल चंदन तिलक के रूप में लगाएं। इसे लगाने से भैरव, शनि और यमराज प्रसन्न होते हैं।

रविवार
रविवार भगवान विष्णु और सूर्य को समर्पित होता है।इस दिन का स्वामी सूर्य है। इस दिन लाल चंदन का तिलक लगाना अत्यंत ही शुभ होता है। इससे समाज में सम्मान बढ़ता है और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं भी दूर होती हैं।