भारत,अमेरिका और डेनमार्क के बाद अब बेल्जियम ने भी शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक को सिक्योरिटी के लिए खतरा बताया है।बेल्जियम में टिकटॉक को अब सरकारी कर्मचारी अपने काम के फोन में इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।बेल्जियम के प्रधानमंत्री ने सिक्योरिटी का हवाला देते हुए ये घोषणा की है।बता दें कि इससे पहले अमेरिका और डेनमार्क ने भी राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए सरकारी उपकरणों में टिक टॉक के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है।

बेल्जियम के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने एक बयान में कहा कि बेल्जियम के संघीय सरकारी कर्मचारियों को अब अपने काम के फोन पर चीनी स्वामित्व वाले वीडियो एप टिक टॉक का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।डी क्रू ने कहा कि बेल्जियम की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने टिकटॉक द्वारा एकत्र किए गए बड़ी मात्रा में डाटा से जुड़े जोखिमों के बारे में चेतावनी दी थी, जिसका स्वामित्व चीनी फर्म बाइटडांस के पास है,और कंपनी चीनी इंटेलिजेंस सर्विस की मदद कर रही है।यह वास्तविकता है।उन्होंने कहा कि इसलिए संघीय सरकार द्वारा प्रदान किए गए फोन पर टिकटॉक के उपयोग पर रोक लगाना तर्कसंगत है।हमारी डाटा और जानकारी की सुरक्षा प्रबल होनी चाहिए।

टिकटॉक को लगातार कई देशों में राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए बैन किया जा रहा है।हाल ही में डेनमार्क के रक्षा मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों के फोन में टिक टॉक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका में भी सरकारी गैजेट्स में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब पूरे देश में शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म को बंद करने की तैयारी तेज हो गई है।व्हाइट हाउस ने भी टिक टॉक की तरह जोखिम वाले एप को बैन करने के विधेयक को मंजूरी दे दी है।सिर्फ इतना ही नहीं कई और देशों में भी टिकटॉक को बैन करने की मांग उठ रही है।यूरोपीय संघ, कनाडा, ताइवान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भी टिकटॉक पर आंशिक तौर पर बैन लगाया गया है।

अमेरिका ने हाल ही में सरकारी स्वामित्व वाले सभी गैजेट्स में शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाया है। हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए अमेरिका की सीनेट ने इसको लेकर एक बिल भी पास किया था। इस बिल में सरकारी कर्मचारियों और सरकारी गैजेट्स में टिक टॉक इस्तेमाल करने पर बैन लगाने की बात कही गई थी।सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाया गया था। हालांकि, आम यूजर्स के लिए यह प्रतिबंध नहीं था। सरकारी उपकरणों से शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक को तत्काल अनइंस्टॉल करने के निर्देश दिए गए थे। दावा किया जा रहा है कि सरकार जल्द दी इसको लेकर कानून भी बना सकती है।

भारत में टिकटॉक पर साल 2020 में बैन लगाया गया था।सरकार ने 29 जून 2020 में 59 चाइनीज एप पर बैन लगाया था। यह पहली बार था जब इतनी बड़ी संख्या में सरकार द्वारा किसी मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाया गया हो।इस लिस्ट में पहला नाम Tiktok का था।इसके अलावा कैमस्कैनर और पबजी (PUBG) जैसे लोकप्रिय एप्स को भी बैन किया गया था। इन एप को डाटा सुरक्षा को लेकर खतरा बताया जा रहा था। भारत सहित अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने इन एप को ब्लॉक करने के लिए सरकार को आगाह किया था।