नई दिल्ली । राष्ट्रपति भवन आयोजित आज नीति आयोग की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  कोरोना के खिलाफ जंग में राज्य सरकारों के प्रयासों की तारीफ की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हमने एकजुट होकर काम किया, जिसने देश को कोरोना महामारी से उभरने में मदद की। यही वजह है कि आज देश वैश्विक नेता बनकर उभरा है।
तेलंगाना और बिहार सीएम बैठक में नहीं पहुंचे
बैठक में सभी राज्यों के सीएम, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, नीति आयोग के फुल टाइम मेंबर्स और केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया। हालांकि, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बैठक का बहिष्कार किया है। साथ ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी स्वास्थ्य कारणों के चलते बैठक में नहीं पहुंचे।
केसीआर ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर बैठक में शामिल न होने की वजह बताई। उन्होंने कहा कि केंद्र, तेलंगाना के साथ जो भेदभाव करता है उसके विरोध जताने के लिए वो बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हाल ही में कोरोना निगेटिव हुए हैं, इसी वजह वे बैठक में शामिल नहीं हुए।
जुलाई 2019 के बाद गवर्निंग काउंसिल की यह पहली व्यक्तिगत बैठक है। इसमें केंद्र और राज्यों के बीच एक नई दिशा में काम करने के लिए तालमेल बैठाने को लेकर रणनीति बनाई गई। बैठक के एजेंडे में फसल विविधीकरण और तिलहन- दालों और कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना शामिल है। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति-स्कूली शिक्षा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-उच्च शिक्षा का कार्यान्वयन और शहरी शासन समेत अन्य मुद्दे शामिल रहे।
राज्यों के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी
सरकार की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जैसा कि भारत आजादी के 75 साल मना रहा है, राज्यों के लिए यह समय की जरूरत है कि वे चुस्त और आत्मनिर्भर हों और सहकारी संघवाद की भावना से 'आत्मनिर्भर भारत' की ओर बढ़ें। बता दें कि नीति आयोग की शीर्ष संस्था परिषद में सभी मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री नीति आयोग के अध्यक्ष हैं।
नीति आयोग ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के गवर्निंग काउंसिल की बैठक का बहिष्कार करने के फैसले को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया है। आयोग ने राव के लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने नीति आयोग की सात अगस्त को होने वाली संचालन परिषद की बैठक में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।
काउंसिल की पहली बैठक 2015 में हुई
फुल काउंसिल मीटिंग हर साल होती है और पिछले साल, यह 20 फरवरी को हुई थी। पश्चिम बंगाल, पंजाब, तेलंगाना और गुजरात के मुख्यमंत्री पिछली गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी स्वास्थ्य कारणों से बैठक में शामिल नहीं हुए थे। कोरोना के कारण 2020 में परिषद की बैठक नहीं हुई थी। काउंसिल की पहली बैठक 8 फरवरी, 2015 को हुई थी। इसमें देश के भविष्य के लिए योजनाएं तैयार होती हैं।