उदयपुर । राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी (टेलर) कन्हैयालाल की वीभत्स हत्या के जिले के सात थाना क्षेत्रों में लगे कर्फ्यू के बीच शुक्रवार को तय कार्यक्रम के मुताबिक जगन्नाथ रथ यात्रा निकलेगी। प्रशासन ने कहा है कि यात्रा के लिए तय रूट पर कर्फ्यू में ढील दी गई है। हालांकि, शहर के बाकी हिस्सों में कर्फ्यू कायम है और 4 से अधिक लोगों के जुटने की इजाजत नहीं है, मुसलमानों के लिए जुम्मा पहले की तरह नहीं होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी जो अपनी पहचान गोपनीय रखना चाहते हैं, ने कहा कि एक ही दिन जुमा और यात्रा होने से सांप्रदायिक तनाव की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, ''हमने दोनों समुदायों से शांति की अपील की है। दिन शांतिपूर्ण रहे इसके लिए हमने सभी तरह के प्रबंध किए हैं।'' मंगलवार शाम से ही शहर कर्फ्यू में है। हत्या के बाद से ही दुकानें, बाजार बंद हैं। इंटरनेट पर भी रोक है। जिला प्रशासन की ओर से गुरुवार रात जारी एक बयान में कहा गया, ''भगवान जगन्नाथ स्वामी रथयात्रा आज निकलेगी। प्रशासन ने इसके लिए कर्फ्यू में ढील दी है। दूसरे स्थानों पर पहले की तरह कर्फ्यू रहेगा।'' प्रशासन ने यह भी कहा है कि जिन इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी जाएगी, वहां यात्रा के बाद दोबारा कर्फ्यू प्रभावी हो जाएगा।
प्रशासन ने कहा है कि यात्रा रूट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। ड्रोन से नजर रखी जाएगी। आयोजकों के साथ बैठक में सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की गई है। मुस्लिम समाज के प्रमुख लोगों को भी विश्वास में लिया गया है। कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो सालों से यात्रा स्थगित थी। इस बार अलग वजह से शहर में कर्फ्यू है। कन्हैयालाल की अंतिम यात्रा में बुधवार को 2 हजार से अधिक लोग जुटे थे। गुरुवार सुबह हत्याकांड के विरोध में इससे कहीं अधिक संख्या में लोग टाउनहॉल में जुटे। शाम को जिस वक्त आरोपियों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, बड़ी संख्या में वकील समेत प्रदर्शनकारी जुट गए और जमकर नारेबाजी की। मुसलमानों की अधिक आबादी वाले इलाके खांजीपीर में कर्फ्यू अभी भी बेहद सख्त है। दोनों आरोपी इसी इलाके में रहते थे। यहां रह रहे कुछ हिंदू परिवारों की एक-दो दुकानें ही खुलीं। कुछ सब्जी और फल बेचने वाले भी हिंदू हैं। अधिकतर मुस्लिम परिवार अभी घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं।