कोरोना वायरस से मौतों के आंकड़ों को लेकर भारत और विश्व स्वास्थ्य संगठन के बीच मतभेद हैं। भारत सरकार की ओर से ये आंकड़े डब्ल्यूएचओ से दो दिन पहले ही जारी कर दिए गए हैं और उसका कहना है कि ये बिलकुल सही हैं। डब्ल्यूएचओ इन आंकड़ों पर सवाल उठा चुका है। भारत ने कहा है कि 2020 में कोविड से हुई मौतों की संख्या 2019 से 4,75,000 ज्यादा थी। मंगलवार को सरकार ने नए आंकड़े जारी किए। पहले ये महीने महीनों बाद जारी होने की बात कही गई थी, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन से मौत के आंकड़ों को लेकर हुई खींचतान के बीच भारत सरकार ने मंगलवार को ही आंकड़े जारी कर दिए। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में कोविड से मरने वालों की संख्या 40 लाख से ज्यादा है, जो भारत सरकार के आधिकारिक आंकड़ों से आठ गुना ज्यादा है। पिछले साल अप्रैल और मई में डेल्टा वेरिएंट के कारण आई कोविड की दूसरी लहर में भारत में भयानक तबाही देखने को मिली थी। तब लोगों को बिना ऑक्सीजन और अस्पतालों के सड़कों पर तड़प-तड़प कर मरते देखा गया था।

विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत में मौतों के बारे में गुरुवार को अपने अनुमान प्रकाशित करने वाला है। भारत में कोविड महामारी के दौरान प्रबंधन के लिए जिम्मेदार रहे स्वास्थ्य अधिकारी विनोद कुमार पॉल कहते हैं कि भारत सरकार द्वारा जारी किए गए मौत के आंकड़े 'सटीक, सही और गिने हुए' हैं और उनमें कुछ भी नाटकीय नहीं है। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार जनरल के दफ्तर ने 2020 में देश में हुईं कुल मौतों के आंकड़े दो-तीन महीने पहले इसलिए जारी किए हैं क्योंकि कोविड के कारण हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर बात हो रही है।